दिल्ली के मयूर विहार में संजय झील पार्क में तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए पहुंचे बुलडोजरों को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद रोक दिया गया। डीडीए ने ग्रीन बेल्ट अतिक्रमण का हवाला दिया था, जबकि मंदिरों के पुजारी 40 साल से अधिक पुराने होने का दावा कर रहे थे।
बता दे की बुधवार रात को दर्जनों बुलडोजर मंदिरों को तोड़ने के लिए पहुंचे थे, लेकिन लोगों के दवाब के कारण डीडीए को झुकना पड़ा और कार्रवाई को फिलहाल रोक दिया गया। मंदिरों को तोड़ने से बचाने में बीजेपी के एक नेता का भी अहम रोल रहा। इस बीच डीडीए के नोटिस को लेकर लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने कहा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते। इसी के साथ याचिका खारिज कर दी गई।
वही रविंद्र नेगी ने कहा, अतिक्रमण हटाने के लिए डीडीए की मुहिम चल रही है. ग्रीन बेल्ट में जो भी अतिक्रमण है उसको हाई कोर्ट के आदेश के बाद हटाया जा रहा है। रविंद्र नेगी ने कहा कि इसके बाद हमने सीधे सीएम रेखा गुप्ता से बात की। सीएम ने एलजी वीके सक्सेना से बात की और कहा की हम रात 3 बजे से लगे थे और 5.30 बजे कार्रवाई को रुकवाया। हमने मंदिर को तोड़ने का ऑर्डर रुकवाया।
रिपोर्ट:- कनक चौहान