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बागेश्वर जिले के ग्लेशियर क्षेत्र में 54 लोग फंसे, जानिए अब तक हुई मौतों का आंकड़ा…

उत्तराखंड में 17 से 19 अक्तूबर तक बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। आपदा से गढ़वाल और कुमाऊं में अभी तक 62 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

उत्तराखंड में विगत दिनों आई आपदा में मृतकों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है। गुरुवार को बागेश्वर जिले की सुंदरढूंगा घाटी में चार पर्यटकों की मौत की खबर मिली है।

34 लोग फंसे, चार की मौत और दो लापता

जानकारी के मुताबिक बागेश्वर जिले के पिंडारी, सुंदरढूंगा व कफनी ग्लेशियर क्षेत्र में अभी भी 54 लोग फंसे हुए हैं। वहीं सुंदरढूंगा घाटी में मैकतोली, भानूटी ग्लेशियर के आस-पास ट्रेक पर गए चार पर्यटकों की मौत हो गई है और दो पर्यटक लापता हैं। यह जानकारी उनके साथ बतौर पोर्टर गए सुंदरढूंगा से सुरेंद्र सिंह पुत्र हरक सिंह ने दी है। कफनी ग्लेशियर ट्रेक में 20 गांव वाले भी फंसे हुए हैं। वहीं जिला सूचना अधिकारी कार्यालय ने भी इसकी पुष्टि की है।

पोर्टर सुरेंद्र ने बताया कि एक घायल समेत चार लोग खाती गांव वापस लौट आए हैं। वहीं देर से हरकत में आए जिला प्रशासन ने पिंडारी की तरफ दो टीमें राहत-बचाव के लिए भेज दी हैं। कपकोट के एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि सुंदरढूंगा की तरफ भी एसडीआरएफ की टीम रवाना कर दी गई है। इसके अलावा मेडिकल टीम भी रवाना हो गई है।

दो दिन पहले कोलकाता से किसी महिला ने किया था फोन
बताया जा रहा है कि बागेश्वर के जिला आपदा विभाग को दो दिन पहले कोलकाता से किसी महिला ने फोन कर बताया था कि उसके परिजन और उनके मित्र सुंदरढूंगा घाटी में ट्रेक पर गए हैं, जहां उनके साथ दुर्घटना होने की सूचना उन्हें मिली है। महिला ने आपदा विभाग से इस बारे में उनकी मदद करने की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद उक्त महिला ने देहरादून मुख्यालय से गुहार लगाई।

राहत-बचाव अभियान की कवायद जारी

देहरादून मुख्यालय से कार्रवाई करने के निर्देश के बाद बागेश्वर जिला प्रशासन हरकत में आया और 20 अक्तूबर को देर शाम एक टीम को राहत-बचाव के लिए रवाना किया गया।

हालात गंभीर होते देख गुरुवार को राहत-बचाव करने के लिए जिला प्रशासन ने एक टीम फिर भेजी है और इसके साथ ही हेलीकॉप्टर से राहत-बचाव अभियान की कवायद भी शुरू कर दी गई है।

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