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यूपी में संदिग्ध एनकाउंटर को लेकर 18 पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों पर होगा मुकदमा दर्ज जाने…

इसी साल 31 मार्च को एसटीएफ व पुलिस से साढ़े पांच लाख के इनामी डकैत गौरी यादव से हुई मुठभेड में मारे गए डकैत भालचंद्र यादव के मामले में कोर्ट ने तत्कालीन एसपी, एसटीएफ के एसआई, स्वाट प्रभारी व थाना प्रभारी बहिल पुरवा समेत 14 नामजद व तीन-चार अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने थाना प्रभारी बहिल पुरवा से मुकदमा दर्ज कर दो दिन में प्रथम सूचना रिपोर्ट भी तलब की है।

डकैत भालचंद्र यादव सीमा से सटे एमपी के नयागांव क्षेत्र के पडमनिया का रहने वाला था। 31 मार्च को माडौ बंधा के पास डकैत गौरी से हुई मुठभेड़ में स्थानीय पुलिस के अलावा एसटीएफ भी शामिल रही। उसमें मारे गए भालचंद्र को 25 हजार का इनामी व गौरी गैंग का सक्रिय सदस्य बताया गया था। इस मामले में कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी की मदद से भालचंद्र के परिजनों ने मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की थी।

परिजनों ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए आरोप लगाया था कि भालचंद्र को सतना से पेशी से लौटते समय रास्ते में पकड़ा गया और एनकाउंटर कर दिया गया। यह मामला हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया गया। बाद में भालचंद्र की पत्नी नथुनिया ने धारा 156 (3) के तहत अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी न्यू/विशेष न्यायाधीश डीएए एक्ट चित्रकूट की अदालत में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए अर्जी दाखिल की।

इस मामले में न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय ने सुनवाई करते हुए गुरुवार को आदेश दिया कि तत्कालीन एसपी चित्रकूट अंकित मित्तल, थाना प्रभारी मारकुंडी रमेशचंद्र, बहिल पुरवा दीनदयाल सिंह, स्वाट टीम प्रभारी श्रवण कुमार सिंह, एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी, संतोष कुमार सिंह समेत 14 नामजद व तीन-चार अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाए। कोर्ट ने थानाध्यक्ष बहिल पुरवा को मुकदमा दर्जकर विवेचना के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने यह भी आदेशित किया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रतिलिपि दो दिन में उपलब्ध कराई जाए।

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