केरल में 15 साल के किशोर की मौत! जानिए क्यो बनी पूरे देश में चर्चा का विषय..

केरल राज्य में हुई एक 15 साल के किशोर की मौत पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुकी है। मृतक अलप्पुझा जिले के पनावल्ली के रहने वाला था। किशोर अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस बीमारी ग्रसित था।

आपको बता दें इस बीमारी को PAM भी कहा जाता है। इस बीमारी के होने के 5 से 10 दिन के अंदर ही इंसान की मौत हो जाती है। ये बीमारी अमीबा नाम जीव से होती है। इंसान के शरीर में पहुंचते ही ये जीव उसके दिमाग पर हमला करता है। दिमाग के अंदर के मांस को पूरी तरह खा जाता है।

आईए जानते है क्या है अमीबा—-
डॉक्टरो का माने तो , दिमाग के अंदर घुसकर मांस खाने वाले इस जीव का नाम अमीबा है। इसे नेग्लरिया फाउलेरी भी कहते हैं। ये अमीबा धीरे-धीरे दिमाग की टिश्यू को नष्ट कर देता है।

अमीबा एक कोशिकीय वाला जीव है, जो खुद से ही अपना आकार बदल सकता है। ये आमतौर पर तालाबों, झीलों और धीमी गति से बहने वाली नदियों में पाए जाते हैं। ये पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे पुराने यानी प्रिमिटिव जीवों में से एक है।

यह संपर्क में आने वाले इंसान के नाक रास्ते शरीर में घुसता है। इसके बाद ओल्फेक्ट्री नर्व से चिपक जाता है। इसी नर्व की मदद से इंसान किसी गंध या खुशबू की पहचान करता है। ओल्फेक्ट्री नर्व दिमाग की सबसे निचली हड्डी यानी क्रिबीफॉर्म प्लेट से जुड़ी होती है। इस रास्ते से अमीबा खुशबू को पहचाने वाली नर्व तक पहुंचता है। इसके बाद ये दिमाग में पहुंचकर चिपक जाता है और धीरे-धीरे ब्रेन टिश्यू को नुकसान पहुंचाने लगता है।

क्या ये बीमारी फैलती भी है?
नहीं, आपको बता दें यह बीमारी एक से दूसरे इंसान में नहीं फैलती। 1965 में पहली बार इसकी पहचान हुई थी। तब से लेकर अब तक 56 सालों में दुनियाभर में 300 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

क्या है इसका इलाज है?
इसका अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं मिल पाया है। ऐसे में इस बीमारी से संक्रमित मरीज का इलाज बैक्टीरियल मेंनिनजाईटिस के जरिए किया जाता है। सतर्कता और बचाव ही इसके लिए सही इलाज है। ये ज्यादातर गर्म पानी वाली नदियों, झीलों, झरनों में मिलते हैं। इसके अलावा इंडस्ट्री वेस्ट वाले गंदे पानी, जमीन के अंदर के गर्म पानी, स्विमिंग पूल, नल के पानी में भी ये जीव मिलता है।

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