जानलेवा कफ सिरप बनाने के मामले में 03 कर्मचारी गिरफ्तार! कंपनी निदेशक फरार लाइसेंस भी होगा रद्द…..

दवा कंपनी मैरियन बायोटेक के तीन कर्मचारियों को मिलावटी दवाओं के उत्पादन और बिक्री के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कंपनी की खांसी की दवा (कफ सिरप) को पिछले साल उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार बताया गया था।

नोएडा के सेक्टर-67 स्थित दवा कंपनी मेसर्स मैरियन बायोकॉन के दो निदेशकों जया जैन व सचिन जैन के अलावा ऑपरेशन हेड तुहिन भट्टाचार्य, केमिस्ट अतुल रावत व मूलसिंह पर नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है। तुहिन, अतुल व मूलसिंह को गिरफ्तार किया गया है। बाकी की तलाश की जा रही है।

कफ सिरप बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस होगा रद्द
मानकों पर फेल कफ सिरप बनाने वाली नोएडा के सेक्टर-67 स्थित कंपनी मैरियन बाॅयोटेक लिमिटेड पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन का शिकंजा कसने लगा है। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद विभाग ने कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कंपनी में 9 जनवरी को दवाओं का उत्पादन बंद करा दिया गया था, जबकि 12 जनवरी को लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था।

दिसंबर में उज्बेकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया था कि नोएडा की कंपनी के कफ सिरप डॉक-1 मैक्स और एंबरोनाल पीने से वहां 18 बच्चों की मौत हो गई। उज्बेकिस्तान सरकार की सूचना के आधार पर डब्ल्यूएचओ ने भारत सरकार को इस मामले में चेताया था। जिसके बाद केंद्र और राज्य की टीमों ने कंपनी पहुंचकर दवाओं के नमूने एकत्र किए थे। कुल 36 नमूनों में से 22 मानकों पर खरे नहीं उतरे। प्रयोगशाला विश्लेषण में पाया गया कि दोनों उत्पादों में दूषित पदार्थों के रूप में डायथिलीन ग्लाइकॉल एथिलीन ग्लाइकॉल का अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया गया। जिला औषधि निरीक्षक ने बताया कि जांच के बाद केवल प्रतिबंधित दवाओं का उत्पादन ही बंद किया गया था, लेकिन बाद में कंपनी का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था, जिसे अब रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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