उत्तराखंड में मंत्री पद के तलबगारों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है।
आधा कार्यकाल पूरा करने के बाद भी त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में तीन पद खाली हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में भारी भरकम बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार का बुधवार को आधा कार्यकाल पूरा हो गया। अन्य क्षेत्रों में तमाम उपलब्धियां हासिल करने का दावा करने वाली त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार कम से कम राजनैतिक मोर्चे पर तो इस ढाई साल के वक्फे में कदम आगे बढ़ाने से हिचक गई।
शुरुआत से मंत्रिमंडल में दो स्थान रिक्त रखे गए तो लगा कि जल्द मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।अलबत्ता वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के असामयिक निधन के कारण मंत्रिमंडल में एक स्थान और खाली हो गया।
इसके बाद, हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने जरूर जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही, लेकिन इसे भी अब तीन महीने से ज्यादा वक्त गुजर गया और मंत्री पद के तलबगारों का इंतजार है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद हुए चौथे विधानसभा चुनाव में चले मोदी मैजिक ने भाजपा को ऐतिहासिक सफलता दिलाई।
70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 57 सीटें हासिल हुई तो कांग्रेस महज 11 के आंकड़े पर सिमट गई। 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक उत्तराखंड में मंत्रिमंडल का आकार अधिकतम 12 सदस्यीय ही हो सकता है लेकिन उस वक्त त्रिवेंद्र सिंह रावत के मंत्रिमंडल में 10 ही सदस्य शामिल किए गए और दो स्थान रिक्त छोड़ दिए गए।
तब माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री जल्द अपनी टीम में दो नए सदस्य जोड़ेंगे। यह इसलिए भी तय समझा जा रहा था क्योंकि तमाम महत्वपूर्ण विभाग स्वयं मुख्यमंत्री ने अपने ही पास रखे लेकिन इसके बावजूद मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किया गया।