- गुरुवार तड़के गैंगरेप के दो आरोपियों ने उन्नाव में पीड़िता को जिंदा जला दिया था, 90% झुलसी
- पीड़ित की बहन ने कहा- दोनों आरोपी प्रभावशाली; नौकरी नहीं करने दी, मुझ पर भी हमले की कोशिश की
लखनऊ . 90% तक जल चुकी उन्नाव गैंगरेप पीड़ित की हालत बेहद नाजुक है। उसे गुरुवार को लखनऊ से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल शिफ्ट किया गया है। डॉक्टरों ने शुक्रवार को उसके बचने की उम्मीदें बेहद कम बताईं। पीड़ित की मां और बहन दिल्ली रवाना हो गई हैं। इससे पहले बहन ने एक अखबार से बातचीत की और कहा कि जिस तरह से तेलंगाना में वेटरनरी डॉक्टर का दुष्कर्म कर हत्या करने वालों को सजा दी गई, उसी तरह उसकी बहन को जलाने वालों और ज्यादती करने वालों को बीच सड़क पर गोली मार दी जाए।
पीड़ित की बहन बोली- हमें ऐसा बदनाम किया कि रिश्तेदारों ने किनारा कर लिया
“मेरी बहन पुलिस में शामिल होना चाहती थी, लेकिन उसे जिंदा जला दिया गया। वह मेरे और भाई के साथ रायबरेली जाने वाली थी, हम लोग नहीं गए तो बहन अकेले ही जाने के लिए तैयार हो गई थी। हमें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि आरोपी उसे जिंदा भी जला सकते हैं। हमें तो पुलिसवालों ने भी नहीं बताया कि ऐसा कुछ हो गया है। हमें उस इंसान से यह खबर मिली, जिसने उसे सबसे पहले जिंदा जलते हुए देखा था। भागते हुए हम सब उन्नाव अस्पताल गए। पुलिस ने यहां भी हमारे साथ कोई हमदर्दी नहीं दिखाई। हमारे साथ पुलिस का रवैया हमेशा से ही ऐसा रहा है।
12 दिसंबर 2018 को शुभम और शिवम त्रिवेदी ने मेरी बहन के साथ असलहे के दम पर गैंगरेप किया था। हम तीन महीने का चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस हर बार यह कहकर हमें लौटा देती थी कि मामला हमारे क्षेत्र का है ही नहीं। दूसरे थाने जाते थे, तो वहां भी यही जवाब देकर वापस भेज दिया जाता था। शिवम और शुभम प्रभावशाली हैं। शुभम प्रधान का बेटा है। जब कोई रास्ता नहीं बचा तो हम वकील की सलाह पर कोर्ट गए और वहां से केस दर्ज हुआ। शिवम सितंबर में कोर्ट में पेश हो गया था, लेकिन शुभम को पुलिस ने कभी गिरफ्तार नहीं किया। वह गांव में ही रहता था और हम लोगों को केस वापस लेने के लिए धमकाता था। बहन ही नहीं, मुझे और पूरे परिवार को आरोपियों ने निशाना बनाया। 4 महीने पहले मैं अपनी बुआ के पास रायबरेली जा रही थी, तब गाड़ियों में कुछ लड़कों ने मेरा पीछा किया। मैंने 1090 पर फोन किया, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची।
किसी तरह छिपते-छिपाते में घर तक पहुंची थी। मैं और मेरी बहन पढ़े-लिखे हैं। बहन का सपना पुलिस फोर्स में जाने का था, लेकिन केस के चक्कर में ऐसा उलझी कि जिंदगी बर्बाद हो गई। मैं सिलाई करती हूं। भाई दिल्ली में मजदूरी करता है। पिता किसान हैं। जैसे-तैसे घर का खर्च चलता है। हम लोगों ने नौकरी के लिए तमाम कोशिशें कीं, लेकिन आरोपियों ने हमें ऐसा बदनाम किया कि कहीं नौकरी नहीं मिली।
हमारे रिश्तेदारों ने भी हमसे किनारा कर लिया है। हम 5 बहनें हैं। 3 की शादी हो गई। मां-बाप हर वक्त यही सोचते रहते हैं कि हमारी शादी कैसे होगी? और कौन हमसे शादी करेगा?”
उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता को गुरुवार तड़के शिवम, शुभम समेत 5 आरोपियों ने जिंदा जला दिया था। आरोपी दो दिन पहले ही जमानत पर रिहा हुए थे। पीड़ित लड़की एक किलोमीटर तक मदद के लिए दौड़ती रही और इस दौरान बुरी तरह जल गई। उसे पहले लखनऊ और फिर एयर एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया है। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।