परमार्थ निकेतन में देश के विभिन्न प्रांतों से आये युवा चिकित्सकों का दल पधारा। उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया।
चिकित्सकों का यह दल एम्स ऋषिकेश में डायबिटीज के विषय में आयोजित कार्यशाला में सहभाग हेतु आया। दल के सभी चिकित्सकों ने परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया।
स्वामी जी ने चिकित्सकों के दल को वृक्षारोपण के लिये प्रेरित करते हुये कहा कि रोगियों को वृक्षारोपण के लिये प्रेरित करें, उन्हें पौधों का महत्व बताये, कटते जंगलों के कारण बढ़ता वायु प्रदूषण के विषय में अवगत कराये, प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले प्रदूषण, खुले में शौच से बढ़ रहे जल प्रदूषण के बारे में अवगत कराये। साथ ही उन्हे बताये कि मेडिसिन नहीं मेडिटेशन को अपनायें तथा प्रकृतिमय जीवन शैली का अनुकरण करे तो बिना दवाईयों के भी स्वस्थ रहा जा सकता है।
स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय में लोगों के रक्त में मिठास बढ़ रही है और रिश्तों से मिठास कम हो रही है। अगर स्वस्थ रहना है तो रिश्तों में मिठास को बढ़ाना होगा।
एम्स के चिकित्सकों ने बताया कि डायबिटीज, जीवनशैली से जुड़ी लाइलाज बीमारी है। जिससे कारण हृदय रोग की सम्भावनायें बढ़ जाती है। परन्तु इस पर योग, प्राकृतिक जीवन शैली और आहार-विहार को संयमित कर कंट्रोल किया जा सकता है। योग, तन और मन दोनों को ठीक रखने के साथ ही योग से अग्न्याशय की बी-सेल्स अधिक बेहतर तरीके से कार्य करती है। ऐसी कहा गया है कि भारत में लगभग 98 मिलियन लोगों को 2030 तक टाइप 2 मधुमेह को सकता है इसलिये डायबिटीज रोगियों को जीवन शैली में परिवर्तन करना नितांत आवश्यक है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि शास्त्रों में बताया गया है कि शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम् शरीर के माध्यम से ही सेवा, धर्म और पुण्य हो सकता है। वर्तमान समय में 425 मिलियन लोग डायबिटीज के साथ जी रहे है तथा भारत में 73 मिलियन वयस्कों को यह रोग है। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा डायबिटीज के रोगी भारत में है। आज भी 57 प्रतिशत लोगों को पता नहीं कि उन्हे डायबिटीज है। वर्ष 2017 में डायबिटीज के कारण 4 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई है। वास्तव में यह आंकड़े अत्यंत भयावह है। इस बीमारी को दवाईयों के साथ रोजाना योग, प्राणायाम, ध्यान, फाइबर युक्त भोजन और पर्याप्त नींद लेकर कंट्रोल में रखा जा सकता है। स्वामी जी ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिये तनाव मुक्त और प्राकृतिक जीवन शैली अपनाना होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने चिकित्सकों के दल को वृक्षारोपण करने का संकल्प कराया इस अवसर पर डाॅ प्रियंका, डाॅ ममता, डाॅ प्रतिभा, डाॅ शारदा, डाॅ एम एस भारती, डाॅ जयंती, डाॅ रामस्वरूप अन्य सदस्य उपस्थित थे। स्वामी जी के पावन सान्निध्य में विश्व स्तर पर शुद्ध जल की आपूर्ति हेतु सभी ने विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।