लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों को दल बदल कानून को लेकर ऐसे फैसले लेने चाहिए जिस पर न्यायपालिका को हस्तक्षेप न करना पड़े। देहरादून में आयोजित हो रहे पीठासीन अधिकारियों के 79वें सम्मेलन का गुरुवार को समापन हो गया। इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानमंडल अध्यक्षों को निष्पक्ष रहकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दल बदल की समस्या के कारण लोकतांत्रित संस्थाओं के प्रति जनता के विश्वास में कई आई है। इस वजह से बार बार चुनाव करने पड़ते हैं और सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिरों पर आम लोगों का भरोसा बढ़े यह जिम्मेदारी पूरे सदन की है। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारियों को यह तय करना होगा कि पीठ से लिए गए फैसलों पर न्याय पालिका हस्तक्षेप न करे। फैसले निश्पक्ष नहीं होंगे तो सवाल उठने लाजमी हैं।
बिड़ला ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों को निश्पक्षता और मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। इससे पहले कार्यक्रम के समापन अवसर पर विधानसभा प्रेमचंद अग्रवाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ ही राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पंजाब विधानसभा के उपाध्यक्ष सरदार अजायब सिंह भट्टी, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी, गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी, पश्चिम बंगाल विधान सभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी, केरल विधानसभा के अध्यक्ष पी.श्रीरामकृष्णन,ओडिशा विधान सभा के अध्यक्ष डॉ. सूर्य नारायण पात्रों,बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल और आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सभापति एमए शरीफ को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह के साथ ही भाजपा के अनेक विधायक और नेता मौजूद थे।