उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आंचलिक फिल्मों को बड़े पर्दे पर समाज के सामने लाने के प्रयासों को प्रोत्साहन देने के लिए आंचलिक फिल्मों को सब्सिडी देने की नीति जल्द ही तय किए जाने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने आंचलिक फिल्मों को बढ़ावा देने तथा अधिक से अधिक दर्शकों तक इनकी पहुंच बनाने के लिए समेकित प्रयासों की जरूरत बताई है।
उन्होंने कहा कि गढ़वाली, कुमाऊनी या जौनसारी कला संस्कृति और फिल्म विधा इस क्षेत्र में कार्य करने वाले समर्पित सांस्कृतिक कर्मियों और फिल्मकारों के प्रयासों से अपनी पहचान बनाए हुए है। मुख्यमंत्री ने फिल्मों को बाजार उपलब्ध कराने पर बल देते हुए प्रदेश की फिल्मों को बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने और प्रोत्साहन अनुकूल नीति बनाए जाने की भी बात कही।
विधानसभा के समीप स्थित एक स्थानीय होटल में शनिवार देर रात उत्तराखंड फिल्मस बेनर तले निर्मित गढ़वाली फीचर फिल्म कन्यादान का ट्रेलर/प्रोमो लांच करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि समाज में व्याप्त जाति प्रथा आपसी भेदभाव को दूर करने के साथ ही बिखरे सपनो को साकार करने के प्रयासों को यह फिल्म प्रेरणा का कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्मकारों और लोक कलाकारों को उनका मेहनताना मिलता रहे और उन्हें दर-दर न भटकना पड़े, इसके लिए कारगर धरातलीय नीति तैयार करने पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के सभी प्रमुख नगरो में थिअटर खोले जाने पर भी बल दिया, इससे फिल्मों के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ने के साथ ही फिल्म निर्माता और कलाकारों की आर्थिकी भी मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज से रूढ़िवादी प्रथा समाप्त होनी चाहिए इसके लिए जन जागरूकता की आवश्यकता है। उनका कहना था कि समाज में आर्थिक उन्नयन से सामाजिक जागृति आयेगी और इन प्रथाओं का अन्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव आ रहा है लोग जागरूक हो रहे हैं। इस अवसर पर उत्तराखंड संस्कृति कला परिषद के उपाध्यक्ष श्री घनानंद ने आंचलिक फिल्मों को प्रोत्साहन देने पर बल देते हुए कहा कि आंचलिक फिल्मों को बढ़ावा देने से लोक संस्कृति को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
फिल्म के निर्माता निर्देशक देबू रावत ने कहा कन्यादान फिल्म में उन्होंने समाज में व्याप्त जातिवाद और आपसी भेदभाव को मिटाने की पहल की है। फिल्म सितंबर 2019 में रिलीज होगी।