उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) को मसूरी बस अड्डा 31 जुलाई तक खाली करना होगा। रेलवे ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर और सहायक मंडल अभियंता कार्यालय ने रोडवेज को बस अड्डा खाली करने के लिए नोटिस भेज दिया है। नोटिस में चेतावनी दी गई कि यदि तय तिथि तक बस अड्डा खाली नहीं किया तो रेलवे खुद कड़ी कार्रवाई करेगा। उत्तराखंड रोडवेज का मसूरी बस अड्डा कई सालों से रेलवे स्टेशन के पास चल रहा है। यह रेलवे की भूमि है। यहां से मसूरी के साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के लिए कई बस सेवाएं संचालित होती हैं। रोजाना 50 से अधिक बसों का संचालन होता है। बस अड्डा रेलवे स्टेशन के पास और शहर के बीच होने के कारण यात्रियों को आवाजाही में सुविधा होती है, लेकिन अब रेलवे ने अड्डे को खाली करने को कहा है। एक नोटिस सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्यालय और दूसरा सहायक मंडल अभियंता कार्यालय को जारी हुआ है।
53 लाख भी जमा करने होंगे
रेलवे ने रोडवेज को भूमि किराए पर दे रखी है, लेकिन रोडवेज इसका किराया भी जमा नहीं करवा रहा है। रेलवे का निगम पर 53 लाख 36 हजार 688 रुपये बकाया चल रहा है। नोटिस में रेलवे को 31 जुलाई तक बकाया किराया जमा कराने को भी कहा है। चेतावनी दी कि यदि किराया जमा नहीं करवाया गया तो रेलवे कार्रवाई करेगा।
इसलिए खाली करना पड़ रहा अड्डा
रेलवे स्टेशन को मॉडल स्टेशन बनाया जाना है। एमडीडीए डिजाइन तैयार कर चुका है। स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का विस्तार होना है। रेलवे कर्मचारी कॉलोनी को भी ध्वस्त कर चुका है। मसूरी बस अड्डा विस्तारीकरण में आड़े आ रहा है।
रेलवे स्टेशन पर काम शुरू होना है। बस अड्डे को खाली करना होगा। रोडवेज को नोटिस भेज दिया है। अड्डा खाली करने के साथ ही बकाया किराया भी जमा करवाना होगा। यदि रोडवेज ऐसा नहीं करता है तो रेलवे खुद बसों का संचालन ठप करवाकर अड्डा खाली करवाने की कार्रवाई करेगा।
आशु शर्मा, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, उत्तर रेलवे
अभी मैं छुट्टी पर हूं। रेलवे के नोटिस मिलने की मुझे जानकारी नहीं है। बस अड्डा खाली करने के लिए पहले भी नोटिस आए थे। ऑफिस में आकर इस समस्या का समधान निकाला जाएगा। अड्डा खाली करना जरूरी होगा तो आईएसबीटी में शिफ्ट किया जाएगा।
यहां शिफ्ट हो सकता है मसूरी बस अड्डा
यदि रोडवेज मसूरी बस अड्डे को खाली करता है तो इसको शिफ्ट करने के लिए जगह तलाशनी होगी। ऐसे में निगम बस अड्डे का संचालन आईएसबीटी से कर सकता है। दूसरा विकल्प गांधी रोड पर पुराने दिल्ली बस अड्डे की एक एकड़ भूमि है। यह भूमि सालों से खाली पड़ी है। यहां शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मुख्यालय बनना था। निगम दो बिल्डरों के साथ इसके लिए अनुबंध कर चुका है, लेकिन यह काम नहीं हो पाया।
रोडवज कर्मचारी सीएम से मिलेंगे
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश गुसाईं और क्षेत्रीय अध्यक्ष मेजपाल सिंह ने बताया कि वह बस अड्डा शिफ्टिंग को लेकर सीएम से मिलेंगे। अड्डा शिफ्ट होने से सबसे ज्यादा परेशानी मसूरी के छात्र-छात्राओं, बुजुर्गों और रेलवे स्टेशन से मूसरी जाने वाले पर्यटकों को होगी। उन्होंने सीएम से अनुरोध किया है कि ऐसा होता है तो इसे गांधी रोड पर पुराने दिल्ली बस अड्डे की भूमि पर शिफ्ट किया जाए।