- सरकार और हड़ताल कर्मचारियों में वार्ता जारी, निकल सकता है हल
- हड़ताल पर हाईकोर्ट गंभीर, एसीएस रोहित कुमार सिंह को किया तलब
जयपुर। राज्यभर में गुरुवार सुबह छह बजे शुरू हुई 108 और 104 और बेस एम्बुलेंस की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी है। हड़ताल से मरीजों को परेशानी हो रही है।
वहीं हड़ताल पर हाईकोर्ट गंभीर है। होईकोर्ट नेएसीएस रोहित कुमार सिंह को शुक्रवार को तलब किया है।
जयपुर में एसएमएस के ट्रोमा सहित जयपुरिया, सेटेलाइट, कांवटिया सहित अन्य अस्पतालों में एक्सीडेंट और अन्य मरीजों को लोग स्कूटर, कारों और ऑटो में लेकर पहुंचे। सरकार ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन बात नहीं बनी। अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने अब शुक्रवार को फिर आंदोलनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया है।
दोनों पक्षों में सचिवालय में वार्ता हो रही है। वहीं भादरा विधायक विधायक बलवान पूनिया ने इस हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। पूनिया विधानसभा के बाहर एंबुलेंस कर्मियों के धरने पर पहुंचे तथा उनके साथ धरने पर बैठ गए। वही एम्बुलेंस को हटाने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।
हाईकोर्ट गंभीर :
हड़ताल पर हाईकोर्ट गंभीर है।
हाईकोर्ट ने एएसीएस रोहित कुमार सिंह व यूनियन नेता को हाईकोर्ट में तलब किया है। हाईकोर्ट ने एचसीबार एसोसिएशन की जनहित याचिका पर सीजे इंद्रजीत महांति की खण्डपीठ ने ये आदेश दिए।
हड़ताल से गुरुवार को दिनभर मरीज व उनके परिजन परेशान होते रहे। समय ज्यादा लगने से ना लोगों को फर्स्टएड मिला और कई की तो तबीयत भी बिगड़ी।
लोगों ने कहा कि 108 एम्बुलेंस बुलाने के लिए कई कॉल किए, लेकिन रिस्पॉन्स नहीं मिला। सिर्फ एसएमएस के ट्रोमा सेंटर में ही गुरुवार को 242 मरीज इलाज के लिए आए, जिनमें से ज्यादा चोटग्रस्त 40 मरीजों को भर्ती किया गया। वहीं हॉस्पिटलों से मरीजों को शिफ्ट करने का फायदा निजी एम्बुलेंस कर्मियों ने उठाया।
जिन एम्बुलेंस को अस्पतालों की और दौड़ना था, वे जनपथ पर खड़ी रहीं। विधानसभा के सामने ड्राइवरों ने विरोध जताया। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि हमारी सात मांगे हैं। प्रदेश के एम्बुलेंस ड्राइवर, कंपाउंडर सहित करीब 6 हजार लोग जयपुर आकर विरोध जताएंगे।
दो उदाहरणों में सबका दर्द
जगतपुरा निवासी 40 वर्षीय दिनेश व्यास सीढ़ी से गिर गए। एम्बुलेंस को कॉल किया मगर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। परिजन उन्हें कैब से ट्रोमा सेंटर ले गए।
रास्ते में फस्टएड नहीं मिल पाया। एसएमएस के बाहर खड़े एक निजी एम्बुलेंस के चालक धर्मसिंह ने बताया कि खो-नागोरियान में एक दंपती के आपसी विवाद के कारण पत्नी ने पेस्टीसाइड खा लिया। उन्हें 108 एम्बुलेंस नहीं मिली तो मैंने उन्हें अपनी एम्बुलेंस से पास के निजी हॉस्पिटल में पहुंचाया। गणगौरी बाजार के रतन सोनी का पैर दुर्घटना में टूट गया।
एम्बुलेंस बुलाई मगर नहीं आई। ई-रिक्शा से ट्रोमा सेंटर तक लेकर गए। रिक्शा से स्ट्रेचर पर लेने के दौरान रतन दर्द के मारे चीखें मारते रहे।
इसलिए हड़ताल पर गए
सरकार की ओर से 108,104 और बेस एम्बुलेंस सेवा के संचालन के लिए निविदा निकाली गई है जिसमें कर्मचारियों के वेतन सहित अन्य जानकारी नहीं दर्शायी गई है। कर्मचारियों को नौकरी और तनख्वाह को लेकर संशय बना हुआ है।
कर्मचारियों की मांग है कि इंटीग्रेटेड एम्बुलेंस सेवा 108, 104 और बेस एम्बुलेंस सेवा के लिए सरकार द्वारा एक अलग रिसीवर नियुक्त किया जाए। नई निविदा में वर्तमान कर्मचारियों को ही रखा जाए।
एम्बुलेंस में कार्यरत ईएनटी (नर्सिंगकर्मी) 16 हजार और (ड्राइवर को 14 हजार वेतन दिया जाए। नई निविदा में एम्बुलेंस कर्मचारियों का कार्य समय 8 घंटे किया जाए। वेतन में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी हो, मूलभूत सुविधाएं मिले। संविदाकर्मियों की कमेटी में एम्बुलेंस कर्मियों भी शामिल करें।