आखिर दिल दहला देने वाली दिल्ली की वो तस्वीरें सामने आई गई हैं जिनको कोई भी देखना नहीं चाहता है अभी जो लिस्ट मृतकों की मिली है उसको देखकर यही लगता है कि ना हिंदू मरा है मुसलमान मरा है इसमें तो सिर्फ हिंदुस्तान मरा है आखिर क्यों हम इतने बिजी हो गए हैं कि हम ना किसी अधिकारी को समझ पाते हैं ना किसी आइबी अफसर को समझ पाते हैं ना किसी सामान ले जाने वाले गरीब बच्चों के पिता को समझ पाते हैं
यह मंजर कब तक चलता रहेगा और कौन इसका जिम्मेदार है यह देखना पड़ेगा आप लिस्ट देखिए और इसे देखकर अंदाजा लगाइए किसका नफा हुआ किस का नुकसान हुआ मुझे लगता है कि यह देश का बहुत बड़ा नुकसान है और इसमें किसी के हार और किसी की जीत नहीं हुई और अगर हार हुई है तो देश की कानून व्यवस्था की और जीत हुई है तो दंगाइयों की आखिर हमें सोचना पड़ेगा कि हम किस तरफ जा रहे हैं,
यह लिस्ट देख कर मन मन दुखी होता है कि हम किस समाज में जी रहे हैं कहां हम देश को महाशक्ति बनाने चले थे और कहां हिंदू-मुस्लिम दंगों में उलझ कर रह गए क्या यही वो रास्ता है जिस पर चलकर हम देश को विश्व की महाशक्ति बना सकते हैं
यह रास्ता हरगिज़ नहीं हो सकता उस रास्ते को हमें खोजना पड़ेगा जिससे कि हम देश को तरक्की की राह पर डाल सके और दूसरों की महा शक्तियों की आंख में आंख डाल कर बात कर सकें