- पायल जांगिड़ को बाल विवाह और बाल श्रम के खिलाफ
- काम करने के लिए बिल गेट्स फाउंडेशन ने चेंजमेकर अवॉर्ड दिया,
- पायल को यह सम्मान उसी कार्यक्रम में मिला,
- जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को ग्लोबल गोलकीपर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया,
अलवर. राजस्थान के अलवर जिले के छोटे से गांव हींसल की पायल जांगिड़ को बाल विवाह और बाल श्रम के खिलाफ आवाज बुलंद करने पर न्यूयॉर्क में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने चेंजमेकर अवॉर्ड से नवाजा है।
पायल को यह सम्मान उसी कार्यक्रम में मिला, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्लोबल गोलकीपर्सअवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
पायल की उपलब्धि कई मायनों में अहम है। परिवार वाले पायल का बाल विवाह करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। माता-पिता को पायल की जिद के आगे झुकना पड़ा। इसके बाद पायल ने हर बच्चे को बाल विवाह के चंगुल से निकालने का निर्णय लिया।
उन्होंने गांव के हर घर जाकर बेटे-बेटी को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी मेहनत रंग लाई। गांव वालों का कहना है कि बीते कई सालों से एक भी बाल विवाह नहीं हुआ।
पायल बोलीं-विश्व स्तर पर हो काम
पायल जांगिड़ कैलाश सत्यार्थी के बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़ीं। उन्होंने बाल परिषद बनाई और बाल पंचायत प्रमुख के तौर पर काम किया। पायल कहती हैं, जिस तरह गांव में अभियान चलाकर समस्याएं खत्म कीं, उसी तरह मैं यह काम विश्व स्तर पर करना चाहती हूं।
पायल के पिता पप्पूराम जांगिड़ कहते हैं, गांव में लगभग सभी बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। हमारी बेटी की पहल अब पूरे राजस्थान में फैल गई है। पायल महज 17 वर्ष की हैं। पिता पप्पूराम खेती करते हैं। मां गृहिणी हैं।
बाल विवाह- बाल श्रम करा शिक्षा से वंचित कर रहे
लोगों को समझाने में बहुत मेहनत करनी पड़ी कि वे बाल विवाह और बाल श्रम करवाकर हमें शिक्षा से वंचित कर रहे हैं।
दुनिया के हर बच्चे को पढ़ने का एक मौका देना चाहिए।