आरओ के पानी को लेकर अगर आप बहुत परेशान रहते हैं और पानी के लेवल को लेकर चिंतित रहते हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है. टीडीएस लेवल के अलग-अलग मानक को लेकर बड़ी खबर है. आरओ के पानी को कुछ स्थानों पर सरकार बंद करने की योजना बना रही है कहने का मतलब यह है कि इन क्षेत्रों में आरओ पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा.
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. सुप्रियो ने इसके लिए एनजीटी यानी राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश का हवाला दिया. सुप्रियो ने बताया कि 20 मई 2019 के अपने आदेश में एनजीटी ने मंत्रालय को निर्देशित किया है कि पानी में प्रति लीटर 500 मिलीग्राम से कम टीडीएस पाए जाने वाले स्थानों में आरओ प्यूरीफायर पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की जाए. इतना ही नहीं एनजीटी का यह भी निर्देश है कि जहां आरओ के इस्तेमाल की अनुमति दी जाती है वहां 60% से ज्यादा की जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिसूचना जारी की जाए. एनजीटी आदेश के बाद यदि सरकार हरकत में आती है तो निश्चित तौर पर 500 मिलीग्राम से कम टीडीएस वाले क्षेत्रों में आरओ की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. पर्यावरण राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने बताया कि आरओ पर आधारित जल शुद्धिकरण प्रमाण प्रणाली के नियमन के लिए एक प्रारूप अधिसूचना जनता के परामर्श के लिए मंजूर की गई है. इसका साफ-साफ मतलब है कि यदि आप 500 मिलीग्राम से कम टीडीएस का पानी सीधे पी रहे हैं तो वह किसी भी प्रकार से आपके लिए हानिकारक नहीं है. फिर भी हम आपसे पानी को उबालकर ठंडा कर पीने की सलाह जरूर देंगे.
क्या कुछ क्या एनजीटी ने सरकार को
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को आदेश दिया है और कहा है कि यदि पानी में प्रति लीटर 500 मिलीग्राम से कम टीडीएस पाया जाता है तो ऐसे स्थानों पर आर ओ प्यूरीफायर पर मंत्रालय प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी करे.