पूरी नींद नहीं सोना और योग-व्यायाम से दूर रहना दिल्ली वालों के लिए घातक साबित हो रहा है। …
नई दिल्ली,। पूरी नींद नहीं सोना और योग-व्यायाम से दूर रहना दिल्ली वालों के लिए घातक साबित हो रहा है। लेकिन जीवन की आपाधापी में इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। विश्व हृदय दिवस के पहले 30 साल से अधिक आयु के लोगों के बीच किये गए अध्ययन के मुताबिक 61 फीसदी साढ़े सात घंटे से कम सोते हैं।
इसी तरह 62 फीसदी लोग किसी न किसी तरह के तनाव में जी रहे हैं।
यही नहीं, दिल्ली में इस आयुवर्ग के 90 फीसदी पुरुष और 98 फीसदी महिलाएं कोई व्यायाम नहीं करती हैं। सर्वे की रिपोर्ट जारी करते हुए मूलचंद हास्पीटल के वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ डाक्टर एचके चोपड़ा कहते हैं कि ये सभी हृदयरोग के खतरे की जद में हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि हृदय रोग के खतरे से लोग पूरी तरह वाकिफ ही नहीं है,
1226 लोगों के बीच किया गया अध्ययन
सफोलालाइफ द्वारा दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में 1226 लोगों के बीच किये गए अध्ययन के मुताबिक 30 साल से अधिक आयु के आधे से अधिक लोग यह मानते हैं कि उनकी नींद पूरी नहीं हो रही है या फिर वे तनाव में जी रहे हैं।
लेकिन वे इसके खतरे के प्रति सचेत नहीं है। यही कारण है कि दिल्ली में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में तेजी से बढ़ रही हैं, जिनमें हृदयरोग भी शामिल है।