June 5, 2023

Express News Bharat

Express News Bharat 24×7 National Hindi News Channel.

मिर्जापुर / पत्रकार के समर्थन में उतरे अभिभावक,अपने बच्चों को नहीं भेज रहै है स्कूल,क्लास में बैठा एक बच्चा।

  • गुरुवार को विद्यालय पहुंचा सिर्फ एक बच्चा,
  • ग्रामीणों ने कहा- जब तक पत्रकार पर दर्ज एफआईआर वापस नहीं होगा, बच्चे नहीं जाएंगे स्कूल,

मिर्जापुर. मिड-डे-मील में नमक रोटी परोसे जाने का मामला उजागर करने वाले पत्रकार पर एफआईआर दर्ज होने के विरोध में ग्रामीण उतर आए हैं। ग्रामीणों ने गुरुवार को अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। अभिभावकों का कहना है कि, जब तक मुकदमा वापस नहीं लिया जाता, विद्यालय का बहिष्कार जारी रहेगा।वहीं भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से मामले के तथ्य पर एक रिपोर्ट तलब की है।

एक बच्चा पहुंचा स्कूल
जमालपुर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय शिऊर में 22 अगस्त को मिड-डे-मील में बच्चों को नमक रोटी परोसी गई थी। घटना को सामने लाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल पर 31 अगस्त को डीएम अनुराग पटेल ने एफआईआर दर्ज करवाई है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक अब पत्रकार के समर्थन में उतर आए हैं। अभिभावकों ने गुरुवार को विद्यालय का बहिष्कार कर दिया।

ग्रामीणों के अनुसार जब तक दोषियों के खिलाफ कारवाई नहीं होती, तब तक पठन-पाठन से बच्चें दूर रहेंगे। गुरुवार को आम दिनों की तरह विद्यालय खुला, अध्यापक और अध्यापिका और खाना बनाने वाली रसोइया पहुंची पर पढ़ने वाले छात्र छात्रा नदारद रहे। महज एक

छात्र क्लास में नजर आया।

डीएम ने दिया था अजीब बयान
बीते मंगलवार को इस प्रकरण में डीएम अनुराग पटेल ने अजीब बयान दिया था। कहा कि प्रिंट मीडिया का पत्रकार होने के बावजूद पत्रकार ने जिस तरह से विडियो बनाकर उसे वायरल किया, उससे लगता है वह किसी साजिश में शामिल था।

वहीं, डीएम ने प्रधान प्रतिनिधि और पत्रकार के बीच बातचीत का एक ऑडियो जारी किया। लेकिन बातचीत के दौरान कहीं भी यह साबित नहीं हो रहा है कि पत्रकार कोई साजिश कर रहा है। बातचीत में सिर्फ प्रधान प्रतिनिधि ने बच्चों को मिड-डे-मील में खाली रोटी देने की सूचना पत्रकार को दी और पत्रकार ने कहा कि वह आ रहा है।

डिप्टी सीएम ने जांच रिपोर्ट का दिया था हवाला
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इस मामले में कहा कि सरकार को बदनाम करने का प्रयास गलत है। ये बात सच है कि इसमें किसी व्यक्ति की साजिश दिखाई पड़ रही है। चाहे वो प्रधान के सहयोगी की हो या किसी अन्य की। पूरी जांच रिपोर्ट आ जाए तक कुछ कहना ठीक होगा। यदि कोई निर्दोष होगा तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी।

Share
Now