
Sikar
जिले के रामगढ़ शेखावाटी में इस बात का अंतिम यात्रा तक में ध्यान रखा जा रहा है। शुक्रवार सुबह वार्ड नं 18 मोहल्ला बारह भाइयों के हाजी रोशन बेहलीम एक बुजुर्ग का ह्रदय घात से निधन हो गया। अंतिम संस्कार में गिनती के लोग शामिल हुए। बाकी लोगों को भीड़ लगाने से मना कर दिया गया।
अंतिम यात्रा के दौरान कंधा देने वालों ने मास्क लगाया और जो लोग यात्रा में शामिल थे उन्होंने 1 मीटर से अधिक दूरी बनाई। इसके बाद करीब 500 मीटर दूर मुस्लिम कब्रिस्तान तक अंतिम यात्रा गई, वहां कब्रिस्तान के अंदर भी सभी एक दूसरे से दूरी बनाए रहे। दूर-दूर बैठे। इसके बाद बुजुर्ग के शव की जनाजे की नवाज़ की गई। यह एक सीख है उन लोगों के लिए जो भीड़ लगााा हुए हैंं। दूसरी ओर रामगढ़ शेखावाटी में ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बेवजह बाइक, स्कूटी पर बैठकर सन्नाटे का आनंद लेने के लिए उतर सड़कों पर आ रहे हैं।
पिता की अंतिम विदाई पर आए लोगों को बेटे ने लौटाया!
सलीम बेहलीम के जज्बे को सलाम। समाज हित में लिए गए इनके फैसले से उन लोगों को सीख लेनी चाहिए जो बेमतलब घर से निकलकर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। पिता हाजी रोशन की मौत पर अंतिम विदाई और शवयात्रा में जाने के लिए जुटे लोगों को उन्होंने हाथ जोड़कर लौटा दिया। खुद पर टूटे वज्रपात के बावजूद उन्होंने लोगों को बेमतलब की भीड़ ना जुटाने और कोरोना से बचने की नसीहत याद दिलाई। मात्र 06 लोगों के साथ ही शवयात्रा निकाली।