
लाडनूं_राजस्थान : भारत के गृह मंत्री अमित शाह जैन समुदाय से आते हैं इसलिए हम उनसे आग्रह करते हैं की जैन समुदाय उन्हें इस बात के लिए राजी करें कि वह विवादित नागरिकता संशोधन अधिनियम वापस ले लें। यह बात यहां जैन विश्व भारती में विराजित मुनि श्री देवेंद्र कुमार व मुनि श्री जयकुमार के सानिध्य में मुस्लिम धर्म के प्रतिनिधियों ने कही।
राजस्थान के मुस्लिम प्रतिनिधियों ने जैन विश्व भारती में जैन संतों से इस बात का आग्रह किया कि अणुव्रत के सिद्धांत पर चलने वाले जैन समाज ने हमेशा अहिंसा को प्रश्रय दिया है और एक जैन होने के नाते भारत के गृह मंत्री श्री अमित शाह से हम धार्मिक भेदभाव के आधार पर लाए गए नागरिकता संशोधन कानून की उम्मीद नहीं रखते।
मुस्लिम संप्रदाय के प्रतिनिधियों ने जैन संप्रदाय के लोगों से आग्रह किया कि वे श्री अमित शाह को इस बात के लिए मनाएं कि अहिंसावादी अणुव्रत और श्री महावीर स्वामी के संदेश पर चलते हुए वह मुसलमानों के खिलाफ लाए गए नागरिकता कानून को वापस लें।
मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती खालिद अयूब मिस्बाही ने कहा कि भारत में प्रभावशाली समाजों में जैन समाज का नाम आता है और एक जैन होने के नाते श्री अमित शाह से ही उम्मीद करते हैं कि वह जैन विश्व भारती के संतों की तरफ से नागरिकता कानून वापस लेने की उनकी मांग पर अवश्य गौर करेंगे। जयपुर के मुफ्ती खालिद अयूब मिस्बाही, चेयरमैन तहरीक उलमा ए हिंद ने कहाकि देश में भाईचारा व सौहार्द कायम रहे इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुनिश्री जयकुमार ने कहा कि देश में अमन व शांति से ही भाईचारा संभव है इस अवसर पर उन्होंने अणुव्रत आंदोलन को देश में भाईचारा व सौहार्द का बढ़ाने का विशिष्ट आंदोलन बताया। मुनिश्री ने मुस्लिम संप्रदाय के दल को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक संप्रदाय को सौहार्द की भावना रखते हुए देश को विकास की ओर ले जाना चाहिए।
इस अवसर पर सैयद मुहम्मद अय्यूब, शहर काजी लाडनूं ने आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ, आचार्य महाश्रमण के अहिंसा व शांति के कार्यों को प्रशंसनीय बताया। मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल में हाफिज मोहम्मद अशरफ रजा, ज्वाइंट सेक्रेटरी तहरीक उलमा ए हिंद, मौलाना शहादत अली अमजदी, कोषाध्यक्ष इदारा ए कुरआन, हाफिज मुहम्मद हुसैन, मदरसा निजामुल उलूम, मौलाना मुस्तकीम मिस्बाही, मदरसा निजामुल उलूम, हाफिज अब्दुल सलाम, नाजिमे आला दारुल उलूम हाशमिया, सुजानगढ़, हाफिज आबिद रज़ा, दारुल उलूम हाशमिया, सुजानगढ़, हाफिज जावैद, सुजानगढ़, मौलाना साबिर हुसैन रिजवी, मदरसा मेड़तियान सिलावट लाडनूं, मौलाना अब्दुल शकूर बाड़मेरी, मदरसा मदीना जावा बास लाडनू, हाफिज मोहम्मद इकबाल, मदरसा शायरिया बास लाडनूं सहित अनेक मुस्लिम समुदाय के लोग उपस्थित थे।