- शहीद असलम खान का शव रविवार शाम को उनके पैतृक गांव राणासर पहुंचेगा,
- परिवार संग छुटि्टयां मनाकर 20 अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर के लिए ड्यूटी पर रवाना हुए थे,
चूरू.जम्मू कश्मीर के दादरवाल में शुक्रवार रात सर्च अभियान के दौरान चूरू जिले के गांव राणासर के लाडले असलम खान शहीद हो गए। वह20 अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर के लिए ड्यूटी पर रवाना हुए थे। इससे पहले वे 14 दिन तक परिजनों के साथ छुट्टी बिताने आए तथा ईद भी उनके साथ मनाई।
आज पैतृक गांव पहुंचेगा शव
ड्यूटी पर जाने से पहले परिजनों से असलम कहकर कह गए कि सितंबर में उनकी जम्मू-कश्मीर में दो साल की ड्यूटी पूरी हो जाएगी और उसके बाद उनकी वापस पटियाला पोस्टिंग हो जाएगी, मगर अल्लाह को कुछ और ही मंजूर था, वे सर्च अभियान के दौरान शहीद हो गए। असलम खान के शहीद होने की खबर लगते ही गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। शहीद असलम खान का शव रविवार शाम को उनके पैतृक गांव राणासर पहुंचेगा, जहां सैन्य सम्मान से उनको अंतिम विदाई दी जाएगी।
24 राष्ट्रीय रायफल में थे तैनात
रिटायर्ड फौजी सिकंदर ने बताया कि राणासर के लाल असलम खान परिवार में अपने 9 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। साल 1999 में वे सेना में भर्ती हुए थे। 40 वर्षीय असलम खान 24 राष्ट्रीय रायफल में पिछले दो साल से जम्मू कश्मीर में तैनात थे। श्रीनगर क्षेत्र में उनकी पोस्टिंग हुई थी।
पिता हासम खान का देहांत बचपन में ही हो गया था। इनकी पत्नी संजू गृहिणी हैं।तीन बेटी और एक बेटेके पिता असलम खान, देर रात अमरनाथ से 40 किमी दूर दादरवाल में रात्रि सर्च आपरेशन कर रहे थे इस दौरान ये शहीद हो गए। शहीद की पार्थिव देह रविवार सुबह दिल्ली पहुंचेगी, शाम तक उनकी पार्थिव देह गांव पहुंचेगी।