इस बात से सब वाकिफ है कि सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर की शुरुआत मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज के तौर पर की थी और नवजोत सिंह सिद्धू के चोटिल होने के बाद से ही वो न्यूजीलैंड के खिलाफ पहली बार पारी की शुरुआत करने उतरे थे।
सचिन ने कहा, ‘जब मैंने सुबह होटल छोड़ा तो मुझे नहीं पता था कि मैं पारी की शुरुआत करने वाला हूं। हम मैदान पर पहुंचे और अजहर और वाडेकर सर ड्रेंसिंग रूम में थे। उन्होंने कहा कि सिद्धू फिट नहीं हैं तो कौन ओपनिंग करेगा। मैंने कहा कि मैं करूंगा। मुझे अपने ऊपर पूरा विश्वास था कि मैं उन गेंदबाजों पर अटैक कर सकता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘पहला रिऐक्शन था कि मैं ओपनिंग क्यों करना चाहता हूं? लेकिन मुझे अपने ऊपर विश्वास था कि मैं कर सकता हूं। ऐसा नहीं था कि मैं वहां जाकर स्लॉग शॉट खेल वापस आ जाऊंगा। मैं अपना आम खेल जारी रखूंगा जो अटैक करना है।’
उन्होंने कहा, ‘तब तक सिर्फ मार्क ग्रेटबैच ने 1992 में ऐसा किया था, क्योंकि तब तक आम ट्रेंड यही था कि पहले 15 ओवर आराम से खेले जाएं क्योंकि गेंद नई है। आप पहले गेंद की चमक खत्म कर दो और फिर तेजी से रन बनाओ। इसलिए मुझे लगा कि अगर मैं जाकर पहले 15 ओवर तेजी से रन बना सका तो यह विपक्षी टीम पर काफी दबाव बना देगा। मैंने कहा था कि अगर मैं फेल हुआ तो मैं आपके पास दोबारा नहीं आऊंगा, लेकिन मुझे एक मौका दीजिए।’ तेंदुलकर ने उस मैच में 49 गेंदों पर 82 रन बनाए थे। इसके बाद सचिन वनडे टीम के नियमित ओपनर बन गए।