पासवान ने कहा ‘सरकार के पास पूरे साल की जरूरत के लिए पर्याप्त खाद्यान्न है।’ जमाखोरी व कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। महामारी को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 130 करोड़ आबादी वाले देश की खाद्य सुरक्षा को महफूज रखने की जिम्मेदारी लि है।
सरकार के पास पूरे साल के लिए खाद्यान्न का 544 लाख टन अनाज है। इसमें 306 लाख टन चावल और 238 लाख टन गेहूं है। जबकि राशन प्रणाली के लिए हर महीने 60 लाख अनाज की जरूरत होती है।
देश की 81 करोड़ की आबादी को हर महीने अति रियायती दर पर गेहूं व चावल दिया जाता है। इसके अलावा लॉकडाउन के प्रभावों को कम करने के लिए सरकार ने अगले तीन महीने तक पांच किलो प्रत्येक व्यक्ति मुफ्त अनाज देने का फैसला किया है। सभी राज्यों को अपने हिस्से का अनाज उठाने और उपभोक्ताओं को बांटने का निर्देश दिया गया है। लेकिन कुछ राज्य अनाज उठाने में अभी भी विलंब कर रहे हैं।