May 29, 2023

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DM साहब,अगर ख़राब खाने का वीडियो दिखाना अपराध है तो हमसब अपराधी बनना चाहते हैं : पत्रकार,

योगी आदित्यनाथ जी अगर मिर्ज़ापुर के प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे-मील के नाम पर बच्चों को नमक-रोटी खिलाने के मामले को उजागर करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज कर ली गई। पत्रकार के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई को लेकर ज़िलाधिकारी अनुराग पटेल ने बेतुकी सफाई दी है। ये 4 थे स्तम्भ पर सीधा प्रहार है।  आपकी सरकार सच का साथ देने वाले निर्भीक पत्रकारों से डरती है।

मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘जनसंदेश’ अखबार के पत्रकार पवन जायसवाल ने प्रिंट मीडिया के बजाए ख़बरिया चैनल की तरह वीडियो वायरल किया था। पत्रकार को अपने समाचार पत्र में फोटो सहित समाचार छापना चाहिए था, जबकि उन्होंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे लगता है कि वह किसी तरह की साज़िश में शामिल थे।

डीएम अनुराग पटेल की इस बेतुके बयान के ऊपर दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक के सभी पत्रकार बोल रहे हैं। पत्रकार नरेन्द्र नाथ ने लिखा है कि, 

“मिर्जापुर के डीएम साहब कहते हैं कि प्रिंट पत्रकार है तो वीडियो क्यों बनाया? ख़राब खाने का वीडियो बनाना राष्ट्रीय अपराध लग रहा है। डीएम साहब अगर गलत चीज की वीडियो दिखाना राष्ट्रीय अपराध है तो हमसब राष्ट्रीय अपराधी बनना चाहते हैं। इस ‘राष्ट्रीय अपराध’ पर हम पत्रकार के साथ हैं।”

वहीं मंगलवार को मिर्जापुर में वहां के पत्रकारों ने पवन जायसवाल के ऊपर दर्ज फर्जी एफआईआर (FIR) के विरोध में विरोध-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में भारी संख्या में पत्रकार वहां मौजूद रहे।


डीएम के बयान के मुताबिक किसी धांधली के मामले को वीडियो के ज़रिए उजागर करना साज़िश की श्रेणी में आता है, लेकिन कैसे ये उन्हें भी नहीं पता। पता भी कैसे हो क्योंकि कानून की किताब में तो ऐसा कोई प्रावधान नहीं, जिसके तहत धांधली के मामले को वीडियो के ज़रिए उजागर करना ऐसी साज़िश माना जाए, जिसपर एफाईआर दर्ज की जा सके।

अब सवाल ये उठता है कि क्या प्रिंट मीडिया के पत्रकार को ये अधिकार नहीं है कि वह सोशल मीडिया पर अपनी रिपोर्ट के वीडियो को पोस्ट कर सके? क्या प्रिंट मीडिया के पत्रकार द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी रिपोर्ट शेयर करना जुर्म है? अगर ये जुर्म नहीं है तो फिर किस आधार पर पत्रकार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई?

क्या डीएम पटेल ये मानेंगे कि पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ इसलिए की गई क्योंकि उसने शासन-प्रसासन के चेहरे को बेनक़ाब कर दिया?


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