धोनी ने कई सम्मान भी प्राप्त किए हैं जैसे २००८ में आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ़ द इयर अवार्ड (प्रथम भारतीय खिलाड़ी जिन्हें ये सम्मान मिला), राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार और २००९ में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री पुरस्कार साथ ही २००९ में विस्डन के सर्वप्रथम ड्रीम टेस्ट ग्यारह टीम में धोनी को कप्तान का दर्जा दिया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने २८ साल बाद एक दिवसीय क्रिकेट विश्व कप में दुबारा जीत हासिल की। सन् २०१३ में इनकी कप्तानी में भारत पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बना।महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी नीली जर्सी (वनडे-टी-20 वाली) भी टांग दी। सफेद वाली (टेस्ट) तो छह साल पहले ही टांग चुके थे। लेकिन, अपना जलवा पीली जर्सी (आईपीएल) में दिखाते रहेंगे। आजादी के दिन उन्होंने ऐलान किया कि वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं। भारतीय क्रिकेट की सूरत बदलने वाले इस खिलाड़ी के नाम कई ऐसे रिकॉर्ड हैं, जो लंबे समय तक उनके साथ जुड़े रहेंगे।
332 इंटरनेशनल मैचों में कप्तानी। इससे ज्यादा मैचों में कोई खिलाड़ी बतौर कप्तान नहीं खेला। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग और न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग ने भी तीन सौ से अधिक मैचों में कप्तानी की। लेकिन दोनों धोनी से पीछे हैं। पोटिंग ने 324 तो फ्लेमिंग ने 303 मैच बतौर कप्तान खेले।
बतौर विकेटकीपर 195 स्टंपिंग। उनके अलावा कोई 150 भी नहीं पहुंचा। 359 छक्के भी मारे माही ने। विकेटकीपर बल्लेबाजों में सबसे ज्यादा। अभी जो खिलाड़ी सक्रिय हैं। उनमें सबसे ज्यादा स्टंपिंग मुशफिकुर रहीम ने की है। रहीम अब तक 88 स्टंपिंग कर चुके हैं यानी धोनी के मुकाबले आधी भी नहीं।