अधिकारी बाेले- यह देशभर में एनअारसी का अाधार बन सकता है
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साेमवार काे “एक देश-एक पहचान पत्र’ की तर्ज पर नागरिकाें के लिए बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र का विचार रखा। अाधार, पासपाेर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस अाैर बैंक खाते जैसी तमाम जरूरतें इससे जुड़ी हाेंगी। शाह ने बताया कि देश में पहली बार 2021 की जनगणना कागज अाैर कलम के परंपरागत तरीके से हटकर माेबाइल एप की मदद से की जाएगी।
दिल्ली में रजिस्ट्रार जनरल अाॅफ इंडिया अाैर जनगणना अायुक्त कार्यालय की नई इमारत का शिलान्यास करने के बाद शाह ने कहा, “एेसा सिस्टम हाे कि सारा डेटा एक कार्ड में एक साथ रहे।
अाधार, पासपाेर्ट, बैंक खाता, ड्राइविंग लाइसेंस, वाेटर कार्ड जैसी तमाम जरूरताें के लिए सिर्फ एक कार्ड क्याें नहीं हाे सकता? यह संभावित है। इसलिए डिजिटल जनगणना काफी महत्वपूर्ण है।’ शाह ने बताया कि जनगणना के दाैरान देश के सामान्य नागरिकाें की सूची नेशनल पाॅपुलेशन रजिस्टर (एनपीअार) के भी अांकड़े जुटाए जाएंगे।
अधिकारियाें ने बताया कि एनपीअार देश में असम की तर्ज पर एनअारसी लागू करने का अाधार बन सकता है।
16 भाषाअाें में हाेगी जनगणना, 1,200 कराेड़ रुपए हाेंगे खर्च :
जनगणना 16 अलग-अलग भाषाअाें में की जाएगी अाैर इस पर 1200 कराेड़ रुपए खर्च हाेंगे। 2021 की जनगणना के लिए रेफरेंस तारीख 1 मार्च 2021 है। जम्मू-कश्मीर अाैर हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड के बर्फ में ढके रहने वाले इलाकाें के लिए यह 1 अक्टूबर 2020 है।
शाह ने कहा कि 2021 की जनगणना के अांकड़े भावी याेजनाअाें, विकास कार्यक्रमाें अाैर कल्याण याेजनाअाें का अाधार बनेंगे। नगर निगम वार्ड, विधानसभा अाैर लाेकसभा क्षेत्राें के सीमांकन में भी यह अांकड़े मदद करेंगे।
उन्हाेंने जनगणना अधिकारियाें से कहा कि वह इस काम काे गंभीरता से करें, क्याेंकि उन्हें देश निर्माण का पुण्य कार्य करने का माैका मिला है।
वाेटर लिस्ट इस कार्ड से जुड़ी ताे 18 का हाेते ही वाेट बनेगा, माैत पर खुद ही नाम हट जाएगा :
अमित शाह ने कहा कि हम देश की वाेटर लिस्ट काे जन्म अाैर मृत्यु पंजीकरण के साथ क्याें नहीं जाेड़ सकते। इसके बाद किसी काे भी 18 साल का हाेने के बाद वाेट बनवाने के लिए अावेदन नहीं करना पड़ेगा।
यह खुद ही बन जाएगा। इसी तरह मृत्यु के बाद खुद ब खुद वाेटर लिस्ट से व्यक्ति का नाम हट जाएगा। उन्हाेंने कहा कि डिजिटल तरीके से की जाने वाली जनगणना से यह सभी कार्ड एक कार्ड में जुड़ सकते हैं। अमित शाह ने जिस कार्ड का उल्लेख किया है, वैसे कार्ड की सिफारिश 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दाैरान मंत्रियाें के एम्पावर्ड ग्रुप ने भी की थी।
मीडिया रिपाेर्ट्स के अनुसार सरकार 2020 की शुरुअात तक नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड बनाने जा रही है। इसके तहत 10 जांच एजेंसियाें काे 21 हवाई यात्रा, क्रेडिट कार्ड जैसे करीब 21 डेटाबेस की पहुंच मिल जाएगी। यह डेटाबेस अातंकवाद के संदिग्धाें अाैर अवैध इमिग्रेंट्स पर निगरानी के लिए काम अाएगा