BSNL के कर्मचारियों को VRS देने से सरकार पर पड़ेगा साढ़े सात हजार करोड़ का वित्तीय बोझ

नई दिल्ली बीएसएनएल (BSNL) के पचास फीसद कर्मचारियों को वीआरएस देने में सरकार पर तत्काल साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। लेकिन, अगले ही वर्ष इसकी भरपाई हो जाएगी।बीएसएनएल के करीब 80 हज़ार कर्मचारी वीआरएस के दायरे में आएंगे। सरकार की ओर से इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
पिछले हफ्ते ही सरकार ने की थी घोषणा
सरकार ने पिछले हफ्ते ही दूरसंचार क्षेत्र की घाटे से जूझ रहीं दोनो पीएसयू- बीएसएनएल और एमटीएनएल के आपस में विलय के साथ इनके कर्मचारियों की संख्या आधी करने के लिए उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का लाभ देने का फैसला किया था।
50 वर्ष से अधिक उम्र के 80 हजार कर्मियों को वीआरएस देने की तैयारी
इसके तहत बीएसएनएल और एमटीएनएल के 1.59 लाख कर्मचारियों में से 50 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 80 हजार कर्मियों को वीआरएस देने की तैयारी है।
दो किश्तों में मिलेगी राशि
वीआरएस के तहत कर्मचारियों को दो किश्तों में एकमुश्त अहेतुक सहायता दी जाएगी। ये राशि उनके बाकी सेवाकाल में देय कुल वेतन के सवा गुना के बराबर होगी। इसका भुगतान 2019-20 और 2020-21 के दौरान दो बार में होगा।
75 फीसद आमदनी वेतन पर होती है खर्च
बीएसएनएल की 75 फीसद आमदनी कर्मचारियों के वेतन पर खर्च हो जाती है। इसकी सालाना आमदनी करीब 19000 करोड़ रुपये है।
इस कारण बढ़ रहा घाटा
इसमें लगभग 14000 करोड़ रुपये वेतन में खर्च हो जाते हैं। यही वजह है कि इसका घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। 2017-18 में उसे 7993 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। जो 2018-19 में बढ़कर 14200 करोड़ रुपये हो गया।