पढे खास बातें
- अयोध्या मामले में निर्णायक सुनवाई जारी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आज शाम पांच बजे तक सुनवाई खत्म हो जाएगी।
- मध्यस्थता पैनल ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी
- सुन्नी वक्फ बोर्ड के केस वापस लेने, मध्यस्थता करने या दावा छोड़ने की बात अफवाह: मुस्लिम पक्षकार
- सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा वापसी संबंधी हलफनामे की चर्चाओं को खारिज किया
- सुन्नी बोर्ड वक्फ बोर्ड की ओर से मध्यस्थता पैनल की याचिका वापसी की चिट्ठी देने की चर्चा तैर रही थी।
- महंत नृत्य गोपाल दास समेत अनेक की सुरक्षा बढ़ाई गई।
उच्चतम न्यायालय में बुधवार को राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले की लगतार 40वें दिन सुनवाई जारी है। पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने साफ कर दिया कि आज शाम को पांच बजे मामले में अंतिम सुनवाई होगी।
सुनवाई के दौरान वह काफी सख्त नजर आ रहे हैं। मुस्लिम और हिंदू पक्ष अपनी-अपनी दलीलें अदालत के सामने पेश कर रहा है। इसी बीच कोर्टरूम में ड्रामा देखने को मिला। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा पेश किए गए नक्शे को फाड़ दिया।
Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi while dismissing intervention application of one of the parties Hindu Maya Sabha in #Ayodhya land case: This matter is going to be over by 5 pm today. Enough is enough. https://t.co/wOxgLGEoWB— ANI (@ANI) October 16, 2019
इससे पहले मंगलवार को सीजेआई ने कहा था कि सभी पक्ष 16 अक्तूबर तक मामले से संबंधित दलीलें पेश कर दें क्योंकि फिर उन्हें फैसला लिखने में चार सप्ताह का समय लगेगा। आज मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने अयोध्या मामले में एक पक्ष हिंदू माया सभा के हस्तक्षेप के आवेदन को खारिज करते हुए कहा, ‘यह मामला आज शाम को पांच बजे खत्म हो जाएगा। बहुत हो चुका। हम और समय नहीं देंगे।’
Live Updates:
- हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने ऑक्सफोर्ड की एक किताब का हवाला दिया और मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने किताब के नक्शे को फाड़ दिया। वकील के इस रवैये से सीजेआई रंजन गोगोई नाराज दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वह उठकर चले जाएंगे।
- सीजेआई गोगोई ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा का अयोध्या मंदिर को लेकर दी गई दलील पर कहा, ‘यदि इस तरह की बहस जारी रहेगी तो हम उठकर चले जाएंगे।’ इसपर हिंदू महासभा के वकील ने कहा, ‘मैं अदालत की बहुत इज्जत करता हूं। मैंने न्यायालय के शिष्टाचार को भंग नहीं किया है।’