झारखंड विधानसभा चुनावः छह खुफिया निगाहें करेंगी धनबल की निगरानी
पानी की तरह पैसा बहाने वाले उम्मीदवारों को इस बार के चुनाव में लेने के देने पड़ सकते हैं। ज्यादा खर्च करके कम दिखाने की पुरानी आजमाई तरकीब इस बार महंगी पड़ सकती है। बैंकों के जरिए पैसे के ट्रांसफर से महंगे तोहफों के लेन-देन तक पर पैनी निगाह होगी।
चुनाव आयोग सभाओं में उपयोग की गई कुर्सियों की संख्या से लेकर चुनाव प्रचार के नुक्कड़ नाटकों में कलाकारों के स्तर और उनके मेहनताने तक पर पैनी निगाह रखने वाला है। यहां तक कि उम्मीदवारों के कैंप में कार्यकर्ताओं को परोसे जाने वाले भोजन के आइटम की भी वीडियोग्राफी होगी। इसकी शुरुआत नामांकन के दौरान उम्मीदवार के शक्ति प्रदर्शन से ही शुरू हो जाएगी। हर विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों के चुनाव खर्च छह तरह की खुफिया निगाहों में कैद होंगे। आचार संहिता उल्लंघन से लेकर हर सभा में होने वाले खर्च और कार्यकर्ताओं को दी गई चुनाव सामग्री के दाम की गोपनीय मॉनीटरिंग भी छह अलग-अलग स्तरों पर होगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में हर विधानसभा के लिए अलग-अलग टीमों की तैनाती होनी है।
चुनाव खर्च छुपाने की कोशिशें यहां होंगी नाकाम
शेडो ऑबजर्वेशन रजिस्टर: सहायक निर्वाचन अधिकारी के अधीन यह टीम उम्मीदवारों की हर सभा और उनके दैनिक खर्च का उसी दिन आकलन कर फोल्डर ऑफ इविडेंस तैयार करेगी। इस काम में हर जगह जिला लेखा शाखा की टीम को तैनात करना है। यह टीम हर खर्च का पुख्ता प्रमाण फील्ड के पदाधिकारियों के जरिए जमा कर शेडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर में दर्ज करेगी। उम्मीदवार जब अपना खर्च का ब्योरा जमा करेगा तो इसी रजिस्टर के जरिए उसे बताया जाएगा कि उसका खर्च इससे कहीं ज्यादा और वास्तविक राशि इतनी अधिक है। इसमें विवाद का समाधान जिला स्तर पर गठित एक समिति करेगी।
फाइनेंशियल स्कैनिंग टीम
यह टीम बैंक,उत्पाद, एयरपोर्ट और रेलवे अधिकारियों के बीच समन्वय कर हर वित्तीय गतिविधि का राजनीतिक सूत्र तलाशेगी। बैंकों में बड़ी राशि निकालने वालों या ट्रांसफर करने वालों के सीसीटीवी फुटेज इस टीम के पास भेजे जाएंगे। एयरपोर्ट पर हर आने-जाने वाले और उनके द्वारा लाई गई सामग्री की स्कैनिंग रिपोर्ट हर दिन इस टीम को उपलब्ध कराया जाएगी। इसके आधार पर ऐसे लोगों के उम्मीदवारों से संपर्क खंगालकर नजर रखी जाएगी।
वीडियो सर्विलांस टीम : यह टीम विडियोग्राफी से आए फुटेज के जर्रे-जर्रे का अवलोकन कर रिपोर्ट तैयार करेगी। असामान्य सीन को अविलंब कार्रवाई के लिए अधिकारियों के पास भेजेगी।
स्टैटिक सर्विलांस टीम: एक-एक मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जगह-जगह चेक नाके बनाए जाएंगे। वहीं इस टीम की तैनाती होगी। इस टीम में एक पुलिस अधिकारी और एक वीडियोग्राफर भी होगा। जो पैसे या दूसरी सामग्री ले जाने वालों पर नजर रखेगा।
उड़न दस्ता: यह टीम पैसे बांटने की सूचना या वोट लेने के मकसद से बड़ा खर्च करने की सूचना मिलने पर छापा मारकर मौके पर कार्रवाई करेगा।
आयकर: आयकर विभाग अपने खबरियों के जरिए राजनीतिक गतिविधियों के वित्तीय संबंधों पर नजर रखेगा। सूचना मिलते ही छापा मारने के लिए हर जिले में एक टीम को अलर्ट मोड में रहने के लिए कहा गया है।