चिंताजनक: सांस की बीमारी के 25% मरीज नए

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर डॉक्टरों ने भी चिंता जताई है। प्रदूषण की वजह से अस्पताल आने वाले सांस और अस्थमा के रोगियों में लगभग एक चौथाई मरीज ऐसे हैं, जिन्हें पहले कभी सांस की तकलीफ नहीं हुई।
एम्स के पल्मनरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. करन मदान ने प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि पिछले तीन दिनों में सांस लेने में दिक्कत और अस्थमा अटैक से पीड़ित रोगियों की संख्या में लगभग 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के सांस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अश्वनि के मुताबिक, उनके यहां भी सांस के रोगियों की संख्या 20 फीसदी तक बढ़ी है और इनमें 15 फीसदी ऐसे मरीज हैं, जिन्हें पहले सांस की बीमारी नहीं थी।प्रदूषण: दिल्ली में ऑर्ड-ईवन का आज आखिरी दिन, बादलों के कारण बढ़ी धुंधदिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को भी प्रदूषण का प्रकोप जारी है। आसमान में बादलों के कारण बनी धुंध (स्मॉग) ने मुसीबत बढ़ा दी। इस कारण वायु गुणवत्ता और खराब हो गई।
दिमागी दौरे की आशंका डेढ़ गुना बढ़ सकती है: एम्स के मेडिसन विभाग के प्रो. नवल विक्रम ने बताया कि पीएम 2.5 के स्तर के हिसाब से दिल्ली के अधिकतर इलाकों में लोगों को औसतन 16 से 20 सिगरेट पीने के बराबर नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि कई शोध के मुताबिक दिमागी दौरे से मरने वालों में 11 प्रतिशत मरीज धूम्रपान करने वाले होते हैं। वहीं, ऐसे लोग जो 20 या इससे अधिक सिगरेट या बीड़ी प्रतिदिन पीते हैं उन्हें दिमागी दौरा पड़ने की आशंका दूसरों के मुकाबले डेढ़ गुना अधिक रहती है।