गुच्चूपानी सड़क के गड्ढे सरकार ने नहीं भरे तो लोगों ने भर डाले

मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के नजदीक से गुच्चूपानी जाने वाले मसूरी बाईपास मार्ग के दो किलोमीटर हिस्से में दो साल से बने गहरे गड्ढों की सरकारी सिस्टम से सुध नहीं ली। गड्ढों से हर रोज जूझ रहे आधा दर्जन गांवों के लोगों ने खुद चंदा जुटाकर सड़क पर बने गहरे गड्ढों को मंगलवार को भर दिया। यह मार्ग दो वर्ष से खस्ताहाल स्थिति में था। इस मार्ग से नियमित गुजरने वाले अनारवाला, जोहड़ी, सिनोला, मालसी, चंद्रोटी आदि गांवों के लोग परेशान थे। लोगों ने लंबे समय से सेना, कैंट बोर्ड में सड़क बनाने की मांग के लिए पत्र देने के साथ ही मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया। परेशानी को देखते हुए 50 लोगों ने 40 हजार रुपये का चंदा जुटाया। चंदे से बजरी, डस्ट खरीदने के साथ ही गड्ढे भरने का काम लोगों ने श्रमदान कर किया। मंगलवार को दो किलोमीटर सड़क के हिस्से पर बने करीब 100 गहरे गड्ढों को भर दिया गया है। सड़क के गड्ढे भरने में कमल गुरुंग, अनुराग सिंह, प्रेमबहादुर गुरुंग, नीरज जायसवाल, राज प्रधान, नारायण सिंह, पंकज लामा, सचिन नेगी, राहुल थापा, विवेक गुरुंग, धीरज गुरुंग, पुनीत राणा, पारश शर्मा ने सहयोग किया। क्षेत्रवासी सागर लामा, सुमन थापा, अरुण लामा, आशीष गुरुंग ने बताया कि सप्लाई के पास बड़ी संख्या में सैनिकों के आवास हैं। वहीं आसपास के गांवों में रहने वाले पूर्व सैनिक भी यहां से गुजरते हैं। बावजूद इसके सेना ने सड़क निर्माण की सुध नहीं ली। मंगलवार को जो काम किया गया वह सरकारी सिस्टम आइना दिखाएगा।
बाइक सवार हो रहे थे चोटिल
जोहड़ी गांव के पूर्व ग्राम प्रधान दुर्गेश गौतम ने बताया कि सड़क पर आधा और एक फीट तक के गहरे गड्ढे बने थे। इन गड्ढों पर आए दिन बाइक गिरकर चोटिल हो रहे थे। उन्होंने बताया कि रात के वक्त दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही थीं। सड़क के गड्ढों को लेकर लोगों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति भी आक्रोश है। पूर्व ग्राम प्रधान दुर्गेश गौतम ने बताया कि सड़क दो वर्ष से ज्यादा समय से टूटी है। इस बीच विधानसभा और लोकसभा का चुनाव भी हो चुका है। बावजूद इसके जनप्रतिनिधयों ने सड़क निर्माण की सुध नहीं ली।