कांग्रेस ने कहा- ईयू सांसदों का कश्मीर दौरा भारतीय संसद की संप्रभुता का अनादर
नई दिल्ली केंद्र सरकार द्वारा यूरोपीय यूनियन (ईयू) सांसदों के दल को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख यात्रा की अनुमति देने को कांग्रेस ने भारतीय संसद की संप्रभुता का अनादर करार दिया है।
भारत की संसद और लोकतंत्र का अपमान: कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि पार्टी यह मुद्दा संसद में उठाएगी क्योंकि सरकार का फैसला भारतीय सांसदों के सामूहिक विशेषाधिकारों का उल्लंघन है। जम्मू-कश्मीर में ईयू सांसदों को आमंत्रित करना भारतीय संसद की संप्रभुता का अनादर है। उनके पार्टी सहयोगी जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि जब भारतीय नेताओं को जम्मू-कश्मीर के लोगों से मिलने से रोक दिया गया है तो यूरोपीय नेताओं को जम्मू-कश्मीर यात्रा की अनुमति क्यों दी जा रही है। यह भारत की अपनी संसद और लोकतंत्र का अपमान है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय राजनीतिक दलों के नेताओं और सांसदों को बार-बार श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर निकलने से क्यों रोका गया? मुझे भी श्रीनगर में तभी प्रवेश करने दिया गया जब मेरी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुझे अनुमति प्रदान की। आज भी भारतीय सांसदों को जाने की अनुमति नहीं है जबकि मोदी ईयू सांसदों का स्वागत कर रहे हैं।’
भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ईयू प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का प्रबंध करना दर्शाता है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खुश करने के दबाव में है जिसने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनन पर सवाल उठाए हैं। वैश्विक समुदाय को यकीन दिलाने के लिए सरकार व्यग्र है। सरकार कहती है कि क्षेत्र में सब सामान्य है जबकि जमीनी हकीकत जुदा है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी किया विरोध
भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित हूं कि विदेश मंत्रालय ने ईयू सांसदों के लिए उनकी निजी हैसियत में (ईयू का आधिकारिक दल नहीं) जम्मू-कश्मीर में कश्मीर क्षेत्र की यात्रा का प्रबंध किया है। यह हमारी राष्ट्रीय नीति के विपरीत है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह यह यात्रा रद करे क्योंकि यह अनैतिक है।’