उत्तराखंड में BSNL के 14 लाख मोबाइल ग्राहकों पर संकट, जानें क्यों

त्तराखंड में बीएसएनएल के 14 लाख मोबाइल फोन ग्राहकों को बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। टावरों का बिजली बिल चुकाने के लिए बीएसएनएल के पास पैसा नहीं होने के कारण यह नौबत आने वाली है। ऊर्जा निगम अब तक 28 टावरों की बिजली काट चुका है।
उत्तराखंड में बीएसएनएल के कुल 2119 मोबाइल टावर हैं। इन टावरों को बिजली के साथ ही डीजल वाले जनरेटरों से संचालित किया जाता है। बीएसएनएल पर ऊर्जा निगम का 4.50 करोड़ रुपये का बिल बकाया है। ऊर्जा निगम ने इसे लेकर नोटिस भी जारी कर दिए हैं। इसके बावजूद पैसा नहीं चुकाने पर अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में 28 मोबाइल टावरों की बिजली काटी जा चुकी है। बिल जल्दी नहीं चुकाया तो अन्य टावरों भी बिजली काटने की बात ऊर्जा निगम ने कही है।
जेनरेटर से टावर चलाना बहुत महंगा
जिन टावरों की बिजली काटी गई है, इनमें कुछ को जेनरेटर से संचालित किया जा रहा है। डीजल से संचालन बिजली की अपेक्षा महंगा होने के कारण कुछ ही घंटे यह टावर चलाए जा रहे हैं। ऐसे में यदि अन्य टावरों की भी बिजली कटी तो मुश्किल हो सकती है।
केंद्रीय संचार मंत्री मुख्यमंत्री को लिख चुके हैं पत्र
बीएसएलएन ऐसी दिक्कत बाकी राज्यों में आ रही है। इसलिए केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि, उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए कनेक्शन काटने के बजाय इसका हल निकालने का प्रयास करें।
कुमाऊं में कुछ टावरों के बिजली कनेक्शन कटे हैं। उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था से चलाया जा रहा है। बकाया धनराशि में से एक करोड़ रुपये मिल गए हैं। जिसका भुगतान कर दिया जाएगा। बाकी बकाया चुकाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।