आज से 2 केंद्रशासित प्रदेशों में बंटा जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और J&K में क्या हुए बदलाव

देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक जम्मू-कश्मीर का आज विधिवत विभाजन के साथ नक्शा बदल गया और इसकी जगह दो केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आ गए। यानी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून गुरुवार मध्य रात्रि से लागू हो गया। जिसके मुताबिक, अब जम्मू-कश्मीर राज्य नहीं रह गया है। जम्मू-कश्मीर 114 सीटों की विधानसभा के साथ जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा।
जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल श्रीनगर में पूर्व नौकरशाह जी सी मुमूर् को जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के पहले उप राज्यपाल के तौर पर शपथ दिलायेंगी। इसके बाद वह लेह में श्री राधा कृष्ण माथुर को लद्दाख के उप राज्यपाल की शपथ दिलायेंगी। जम्मू कश्मीर की विधानसभा होगी जिसमें 114 सीटें होंगी और वहां का शासन मॉडल दिल्ली और पुड्डूचेरि पर आधारित होगा जबकि लद्दाख की विधानसभा नहीं होगी और यह उप राज्यपाल के माध्यम से सीधे केन्द्रीय गृह मंत्रालय के मातहत रहेगा।
ये बड़े बदलाव होंगे
1. जम्मू-कश्मीर में पुडुचेरी, लद्दाख में चंडीगढ़ मॉडल लागू
2. आधिकारिक भाषा उर्दू की बजाय हिन्दी हो जाएगी।
3. पहले हिन्दू अल्पसंख्यक थे, अब मुसलमान अल्पसंख्यक
4. आधार, आरटीआई, आरटीई जैसे कानून यहां लागू होंगे
आज क्या
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल पहले श्रीनगर में जीसी मुर्मू और फिर लेह जाकर राधा कृष्ण माथुर को उपराज्यपाल पद की शपथ दिलाएंगी।
आगे क्या
दोनों प्रदेशों में लोकसभा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन का काम शुरू हो जाएगा। गृहमंत्रालय की समिति संपत्तियों व देनदारी का आकलन कर रही है।
सरकार ने गत छह अगस्त को संसद में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित किया था जिसमें राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने का प्रावधान किया गया था। इन दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों के अस्तित्व में आने की तारीख 31 अक्टूबर तय की गयी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 9 अगस्त को पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी दे दी थी।